केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से देश में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार आएगा।
कैबिनेट की तरफ से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में अपनी तरह की सबसे बड़े परामर्श और चर्चा प्रक्रिया का परिणाम है। मंत्री ने बताया कि मसौदे को विचार-विमर्श के लिए सार्वजनिक तौर रखे जाने के बाद 2.25 लाख सुझाव मिले।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त करते हुए श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि इस नीति को लागू किए जाने के बाद भारत, दुनिया में ज्ञान के एक महान केंद्र और शिक्षा गंतव्य के रूप में उभरेगा।
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<p dir="ltr" lang="en">"Teach to Transform, Educate to Empower, Learn to Lead"
-Hon'ble PM Shri <a href="https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw">@narendramodi</a>
In line with his vision to make India a Global Knowledge Superpower, we finally present to you the National Education Policy 2020!
नए भारत का नया दौर <a href="https://twitter.com/hashtag/NEP2020?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#NEP2020</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/%E0%A4%8F%E0%A4%A8%E0%A4%88%E0%A4%AA%E0%A5%802020?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#एनईपी2020</a> <a href="https://t.co/Mctr7M9t5g">pic.twitter.com/Mctr7M9t5g</a></p>
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) <a href="https://twitter.com/DrRPNishank/status/1288450988873887744?ref_src=twsrc%5Etfw">July 29, 2020</a></blockquote>
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निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। केंद्रीय मंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सभी छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और सभी हितधारकों को बधाई दी और कहा कि यह देश के लिए ऐतिहासिक पल है।
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पूरे भारत में उच्च गुणवत्ता वाली बच्चों की प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक क्षमताओं, संवेदनशीलता, अच्छे व्यवहार, नैतिकता, टीमवर्क और बच्चों के बीच सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
यह 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है और यह शिक्षा पर 34 साल पुरानी राष्ट्रीय नीति (एनपीई), 1986 की जगह लेगी। पहुंच, निष्पक्षता, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के मूलभूत आधारों पर निर्मित यह नीति सतत विकास को लेकर एजेंडा 2030 से जुड़ी हुई है।
इसका उद्देश्य स्कूल और कॉलेज शिक्षा दोनों को अधिक समग्र बनाकर भारत को एक जीवंत ज्ञान वाले समाज और वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलना है। साथ ही इसका मकसद 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल, लचीला, बहु-विषयक और प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।.
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