अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित प्रसिद्ध शारदा पीठ की भी मिट्टी मंगाई गई थी। इसको लेकर चीन से हांगकांग और मुजफ्फराबाद के रास्ते खास ऑपरेशन चला। आखिरकार पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले हिस्से में स्थित इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ की मिट्टी को राम मंदिर की नींव में डालने के लिए अयोध्या लाने में सफलता हासिल हुई।
पीओके स्थित शारदा पीठ की मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचने वाले बंगलुरु निवासी अंजना शर्मा ने आईएएनएस को इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर के लिए शारदा पीठ की मिट्टी की जरूरत महसूस हुई तो चेन्नई के मूल निवासी और वर्तमान में चीन में बस चुके वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी की याद आई। क्योंकि वेंकटेश रमन व उनकी पत्नी इससे पहले तमिलनाडु के कांची मठ और कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ में शारदा पीठ की मिट्टी दे चुके थे।
शारदा पीठ फाउंडेशन से जुड़े अंजना शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे में होने के कारण कोई भारतीय पीओके में नहीं जा सकता। इसलिए मिट्टी लाना बहुत कठिन कार्य था। पीओके में चाइनीज पासपोर्ट धारक जा सकते हैं। वजह कि पाकिस्तान ने दोस्ती और कुछ प्रोजेक्ट्स के कारण चाइनीज पासपोर्ट धारकों को वहां जाने की छूट दी है। ऐसे में चीन की नागरिकता ले चुके वेंकटेश रमन से संपर्क किया गया तो उन्होंने मिट्टी उपलब्ध कराने की हामी भर दी।
राम मंदिर के लिए शारदा पीठ की मिट्टी लाने को उत्साहित हुए वेंकटेश रमन हांगकांग के रास्ते से होते हुए पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद पहुंचे। वहां से शारदा पीठ गए और मंदिर के पुजारी से संपर्क किया और मिट्टी लेकर फिर हांगकांग के रास्ते दिल्ली पहुंचे।
अंजना शर्मा ने बताया कि दिल्ली में वेंकटेश रमन ने शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी और प्रसाद उन्हें सौंपा। इसके बाद शर्मा ने अयोध्या पहुंचकर शारदा पीठ की मिट्टी और प्रसाद राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया।
पीओके में स्थित शारदा पीठ को मुक्त कराने की लंबे समय से मांग उठती रही है। करतारपुर की तरह भारतीय श्रद्धालुओं को यहां दर्शन-पूजन की अनुमति देने की मांग भी हो चुकी है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "शारदा पीठ को मुक्त कराने का संगठन बहुत पहले प्रस्ताव पास कर चुका है। इसके लिए अनुकूल समय जरूर आएगा। पीओके से लेकर पूरी दुनिया में रामभक्त फैले हैं। शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी लाने वाले वेंकटेश रमन और माध्यम बने अंजना शर्मा का विहिप अभिनंदन करता है।"
शारदा पीठ मंदिर करीब 5 हजार वर्ष पुराना माना जाता है। यह शक्तिपीठ उरी से 75 किलोमीटर और श्रीनगर से करीब सौ किलोमीटर दूर पीओके में है। यह प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। कश्मीरी पंडितों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
कहा जाता है कि सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान 237 ईसा पूर्व में शारदा मंदिर की स्थापना हुई थी। विद्या की अधिष्ठात्री देवी को समर्पित यह मंदिर अध्ययन का एक प्राचीन केंद्र था। संघ परिवार शारदा पीठ को मुक्त कराने की लंबे समय से मांग उठाता रहा है।.
Protest demonstrations broke out across different areas of Pakistan-occupied Gilgit-Baltistan after Friday prayers, with thousands…
Jamil Maqsood, the President of the Foreign Affairs Committee of the United Kashmir People's National…
The 6th meeting of the ASEAN-India Trade in Goods Agreement (AITIGA) Joint Committee concluded in…
The US Department of Homeland Security (DHS), on behalf of the Forced Labor Enforcement Task…
A delegation from the Tibetan Parliament-in-Exile (TPiE), led by Speaker Khenpo Sonam Tenphel and accompanied…
On the sidelines of the 2nd India-CARICOM Summit, leaders of the member countries witnessed a…