मध्यप्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदी अब अपने परिजनों से ई-मुलाकात कर सकेंगे। इस योजना की शुरुआत शुक्रवार को हुई। इस मौके पर कैदियों की उनके परिजनों की ई-मुलाकात कराई गई। ये कैदी कोरोना संक्रमण के प्रकोप के चलते इधर कुछ समय से अपने परिजनों से मुलाकात नहीं कर पा रहे थे।
योजना की शुरुआत प्रदेश के गृह और जेल मंत्री डॉ़ नरोत्तम मिश्रा ने की। उन्होंने कहा, "बंदियों को उनके परिजनों से समय-समय पर जेलों में ही मुलाकात कराने का प्रावधान है। वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण मार्च के दूसरे सप्ताह से मुलाकात की व्यवस्था बंद कर दी गई है। लेकिन अब बंदियों के परिजनों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।"
योजना के शुभारंभ अवसर पर चार कैदियों की परिजनों से बात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। संक्रमण को रोकने के मकसद से जेलों में भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया जा रहा है और कैदियों की परिजनों से सीधी मुलाकात पर रोक लगी हुई है।
डीआईजी (जेल) संजय पांडे ने बताया कि जेलों में बंद बंदियों की जानकारी भारत सरकार के एनआईसी के ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटर पर संकलित की जाती है। इस सॉफ्टवेयर में ई-मुलाकात की व्यवस्था का प्रावधान है।
जेल अधीक्षक भोपाल दिनेश नरगांवे ने बताया कि ई-मुलाकात के लिए आवेदन जेल अधीक्षक द्वारा स्वीकृत होने पर बंदी के परिजन अपने घर से ही एक स्मार्ट फोन, डेस्कटॉप या टैब के माध्यम से या किसी एमपी ऑनलाइन सेंटर से, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बंदी से ई-मुलाकात कर उनका वीडियो देख सकेंगे एवं उनसे बात कर सकेंगे।
इस व्यवस्था के शुरू होने से कोविड महामारी की इस कठिन परिस्थिति में बंदियों के परिजनों को अपने घर से जेल जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे बंदियों को एवं उनके परिजनों को मुलाकात में सुविधा होगी।
संभावना जताई जा रही है कि इससे तात्कालिक लाभ के रूप में बंदियों के तनाव व अवसाद में कमी आएगी और दीर्घकालिक लाभ के रूप में बंदियों के परिजनों की समय, श्रम एवं आर्थिक बचत होगी।.