कोविड-19 के चलते 56,000 से अधिक ऐसे भारतीय प्रवासी ओमान को छोड़ चले गए हैं जो सालों से यहां रहकर गुजर-बसर कर रहे थे। कोविड का प्रभाव सीधा इनके रोजगार पर पड़ा है। एक मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया।
ओमान में भारतीय दूतावास के दूसरे सचिव अनुज स्वरूप ने रविवार को गल्फ न्यूज को बताया कि 9 मई से खाड़ी देश में शुरू हुए वंदे भारत मिशन के तहत अब तक कुल 105 उड़ानों का संचालन किया गया है जिससे 18,000 से अधिक भारतीय नागरिक देश वापसी करने में सक्षम रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा सामाजिक संगठनों और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा संचालित 216 चार्टर उड़ानों के सहारे 38,000 से अधिक भारतीय नागरिक अपने देश के लिए रवाना हुए हैं। अब हम वंदे भारत मिशन के पांचवे चरण में प्रवेश कर रहे हैं, अगस्त के शुरूआती चरण में भारत के विभिन्न राज्यों के लिए कुल 19 उड़ानें निर्धारित की गई है। दूतावास द्वारा प्राप्त पंजीकरण के अनुसार उड़ानें निर्धारित की गई हैं और हम भारतीय नागरिकों को यात्रा की सुविधा देना जारी रखेंगे।"
केरल के रहने वाले फैजल ओस्मान मस्कट में एक वित्तीय संस्थान में कार्यरत थे और अप्रैल में उन्हें अपने नौकरी से निकाल देने की सूचना मिली। उन्होंने कहा, "उड़ानों की घोषणा एक उपयुक्त समय पर हुई जब हमें हमारे बाकी के बचे हुए राशि का भुगतान कर दिया गया। जैसा कि कहा जाता है कि ईद अच्छे पैगाम लेकर आता है तो मैं उम्मीद करता हूं कि हम भारत में नए सिरे से एक बेहतर शुरूआत कर पाने के काबिल हो सके।"
फैजल के जैसे ऐसे कई लोग हैं जो कोविड-19 के चलते अपनी नौकरी गंवाने के बाद अप्रैल से बिना सैलरी के रह रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय ओमान की कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा हैं और यहां रहने वाले प्रवासी समुदायों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। ओमान में 448,000 भारतीय प्रवासी कामगार हैं।.