Categories: हिंदी

कमजोर पड़ा मानसून, दलहन-तिलहन फसलों के प्रभावित होने की आशंका

मानसून इस साल सही वक्त पर आया और तेज रफ्तार के साथ पूरे देश को कवर कर सीजन की शुरुआत में खूब मेहरबानी दिखाई। लेकिन जुलाई से इसकी चाल सुस्त पड़ गई है, जिससे देश के कई इलाकों में खरीफ फसल प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। खासतौर से राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में दलहन और तिलहन की फसलों को बारिश की जरूरत है।

जानकार बताते हैं कि अगले एक सप्ताह से 10 दिनों तक बारिश नहीं हुई तो कपास, सोयाबीन, उड़द, मूंग व अन्य दलहन फसलों को नुकसान हो सकता है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चालू मानसून सीजन में एक जून से लेकर तीन अगस्त के दौरान औसत से दो फीसदी कम बारिश हुई है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और गुजरात समेत देश के 36 मानसून सब डिवीजन में से छह में सूखा रहा है। मतलब औसत से 20 फीसदी या उससे ज्यादा बारिश का अभाव रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, ओडिशा समेत देश के अधिकांश हिस्सों में कम बारिश हुई है।

आईएमडी के अनुसार जून में देशभर में औसत से 17 फीसदी ज्यादा बारिश हुई जबकि जुलाई में 10 फीसदी कम बारिश हुई है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार पूरे सीजन में अब तक दो फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि एक जून से तीन अगस्त तक देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर में औसत से 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है जबकि उत्तर पश्चिम भारत में 20 फीसदी और मध्य भारत में सात फीसदी कम। वहीं, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में इस दौरान 14 फीसदी अधिक बारिश हुई है।

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में बारिश कम होने से दलहन फसलों की वृद्धि रुकने की आशंका है। जिससे पैदावार पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों से जो रिपोर्ट मिल रही है उसके अनुसार अगले एक चार दिन से एक सप्ताह के भीतर अगर बारिश नहीं होगी तो दलहनों की फसल की पैदावार पर असर पड़ सकती है।

कुछ इसी प्रकार की रिपोर्ट खाद्य तेल उद्योग संगठन साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पास है। एसईए के कार्यकारी निदेश डॉ. बी.वी मेहता ने आईएएनएस को बताया कि सोयाबीन, कपास समेत तमाम तिलहन और दलहन फसलों के लिए इस समय बारिश बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर बारिश नहीं होगी तो फसल खराब हो सकती है, जिससे पैदावार पर असर होगा।

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि देश में दलहनों और तिलहनों की खेती मुख्य रूप से असिंचित भूमि क्षेत्र में होती है जहां मानसून की अच्छी बारिश का काफी महत्व होता है। लेकिन अभी तक मानसून कमजोर रहने का अनुमान नहीं है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अगस्त में अच्छी बारिश होने का अनुमान है, इसलिए इस समय फसल को नुकसान का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।

आईएमडी ने मानूसन सीजन के आखिरी दो महीनों में 104 फीसदी बारिश का पूवार्नुमान जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त में 97 फीसदी बारिश हो सकती है।.

IN Bureau

Share
Published by
IN Bureau

Recent Posts

Rajnath Singh holds bilateral talks with defence ministers of China, Laos, and Malaysia at ASEAN meeting

Defence Minister Rajnath Singh on Wednesday engaged in bilateral meetings with his counterparts from China,…

3 hours ago

“Roadmap towards sustainable planet”: PM Modi lauds Declaration on DPI, AI, Data for Governance

Prime Minister Narendra Modi welcomed the Declaration on Digital Public Infrastructure, AI and Data for…

5 hours ago

MoS Margherita thanks High Commissioner Senewiratne for deepening India-Sri Lanka ties

Minister of State, External Affairs Pabitra Margherita thanked the Sri Lankan High Commissioner Kshenuka Senewiratne…

8 hours ago

Taiwan decries China’s “disinfo” warfare, says Singapore backs one-China ‘policy,’ not one-China ‘principle’

Singapore has a "one-China policy" and has not followed China's "one-China principle" stated a top…

8 hours ago

India’s steel industry to grow at 8%; capacity to rise by 20 million tons by FY2027: report

The annual capacity of India's steel industry will increase by 20 million tons between the…

9 hours ago

World Uyghur Congress condemns arrest of pro-democratic supporters in China

The World Uyghur Congress condemned the arrest of pro-democratic supporters for up to 10 years…

9 hours ago