गृह मंत्रालय ने बुधवार को यहां 'अनलॉक 3.0' के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जो एक अगस्त से लागू होंगे। दिशानिर्देशों के अनुसार, रात के दौरान लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और योग संस्थानों व व्यायामशालाओं को पांच अगस्त से खोलने की अनुमति दी गई है।
अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा को वंदे भारत मिशन के तहत सीमित रूप से अनुमति दी गई है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से हवाई यात्रा शुरू की जाएगी।
कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम और असेंबली हॉल को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति होगी।
मेट्रो और बड़ी मंडलियों को प्रतिबंधित किया जाना जारी है।
गृह मंत्रालय ने कहा, "उपरोक्त गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए तारीखें अलग से तय की जा सकती हैं और सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने और कोविड-19 के प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक एसओपी जारी किए जाएंगे।"
राष्ट्रीय, राज्य, जिला, उप-मंडल, नगरपालिका और पंचायत स्तरों के साथ ही घरों में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अनुमति दी गई है। इस दौरान सामाजिक सुरक्षा मानकों और अन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत व्यापार के लिए लोगों और सामानों के अंतर-राज्य आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इनके लिए कोई अलग अनुमति, अनुमोदन या ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
मंत्रालय का कहना है कि यात्री और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही, घरेलू यात्री हवाई यात्रा, देश के बाहर फंसे भारतीयों की लाए जाने आदि की प्रक्रिया जारी किए गए एसओपी के अनुसार ही रहेगी।
इसके साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बहुत आवश्यक और स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
कंटेनमेंट जोन में 31 अगस्त तक बंद (लॉकडाउन) लागू रहेगा। ऐसे जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। चिकित्सा आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को छोड़कर इन क्षेत्रों में या उससे बाहर लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए सख्ती बरती जाएगी।
ऐसे क्षेत्रों में गतिविधियों की राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों द्वारा कड़ाई से निगरानी की जाएगी और इन क्षेत्रों में रोकथाम उपायों पर दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी जोनों के बाहर बफर जोन की पहचान की जा सकती है, जहां नए मामले आने की संभावना है। बफर जोन के भीतर आवश्यक के रूप में प्रतिबंधों को जिला अधिकारियों द्वारा रखा जा सकता है।
दिशानिदेशरें के अनुसार, इन उपायों का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति आईपीसी की धारा 188 और अन्य प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 के प्रावधानों के अनुसार उत्तरदायी होगा।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब देश में 15 लाख से अधिक कोरोनावायरस के मामले सामने आ चुके हैं और दैनिक तौर पर संक्रमण के 50,000 के करीब मामले सामने आ रहे हैं।.
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