राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए स्मॉग टावर परियोजना से पीछे हटने पर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। शीर्ष अदालत ने प्रख्यात संस्थान के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा, विनीत सरन और एम. आर. शाह की खंडपीठ ने कहा, "यह इस अदालत द्वारा पारित आदेश का उल्लंघन करना है, जिसके लिये पहले ही आईआईटी प्रतिबद्ध है। हमें आईआईटी-बॉम्बे और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ इस अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए आगे बढ़ना होगा, जो इस अदालत द्वारा पारित किया गया था।"
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सरकार आईआईटी-बॉम्बे के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं कर पाई है और संस्थान अब पीछे हट गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आईआईटी-दिल्ली और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के साथ इस परियोजना पर चर्चा कर रही है।
शीर्ष अदालत ने माना कि इस तरह के संस्थानों से जनहित के संबंध में ऐसा काम करने की उम्मीद नहीं की जाती है। पीठ ने अपने आदेश में कहा, "हम मामलों की स्थिति से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। हम निर्देश देते हैं कि आदेश का अनुपालन किया जाए, अन्यथा इसे गंभीरता से लिया जाएगा।"
शीर्ष अदालत ने मामले को गुरुवार को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।.