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पाकिस्तान की एफएटीएफ ग्रे सूची से बाहर निकलने की कवायद

पाकिस्तान की एफएटीएफ ग्रे सूची से बाहर निकलने की कवायद

पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट ने गुरुवार को 'द एंटी-टेररिज्म (अमेंडमेंट) बिल 2020' और 'द युनाइटेड नेशंस (सिक्योरिटी काउंसिल) अमेंडमेंट बिल 2020' पारित किया। देश को धनशोधन व आतंक-वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकालने के उद्देश्य से लाए गए इन विधेयकों को बहुमत का समर्थन मिला।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीनेट में कहा कि इन दो महत्वपूर्ण विधेयकों को नेशनल असेंबली और सीनेट की मंजूरी ने 'पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में धकेलने के भारत के इरादों को' नाकाम कर दिया है।

उन्होंने कहा, "आज, इस देश के निचले और उच्च सदन ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में देखने की भारत की लंबे समय से चली आ रही इच्छा को नाकाम कर दिया है।"

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 'भारतीय जासूस' कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए अपने दायित्वों के अनुपालन में यह कानून बनाया है। विदेश मंत्री ने यह विश्वास भी जताया कि कानून बनने के बाद पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकल जाएगा।

कानून व न्याय पर सीनेट की स्थायी समिति द्वारा पारित किए जाने के बाद विधेयकों को सीनेट में पेश किया गया था। इस दौरान यह सवाल किया गया कि क्या एफएटीएफ ने संशोधनों को एक शर्त के रूप में निर्धारित किया था या मौजूदा कानूनों में खामियों के कारण इसे आगे लाया गया। विदेश मंत्री के विशेष सचिव ने सीनेटरों को जवाब देते हुए कहा कि ये एफएटीएफ की शर्तों का हिस्सा हैं।

यह कानून संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के लिए पाकिस्तान में अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए संघीय सरकार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लाया गया है, जिनमें संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधों सूची में नामित लोगों की संपत्तियों की जब्ती, यात्रा प्रतिबंध और हथियार, संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध शामिल हैं।

पाकिस्तान एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) और एफएटीएफ द्वारा सौंपी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना को लागू करने और उसका पालन करने में विफल रहने के कारण एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि अभी तक 27 बिंदुओं में से कम से कम 16 का पूर्ण अनुपालन हुआ है। नए कानून की मंजूरी से शेष और लंबित मामलों का अनुपालन करने में मदद मिलेगी, जिससे पाकिस्तान को एफएटीएफ ग्रे सूची से हटाने का रास्ता साफ हो जाएगा।.